विश्व विकलांगता दिवस के पूर्व दिवस पर दिव्यांग एवम निःशक्त स्कूल के संचालकों का छलका दर्द

 विश्व विकलांगता दिवस के पूर्व दिवस पर दिव्यांग एवम निःशक्त स्कूल के संचालकों का छलका दर्द


होशंगाबाद/ 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस मनाया जाता है। ठीक एक दिन पहले आज गुरुवार को स्कूल संचालकों द्वारा एक प्रेस वार्ता कर बताया कि दिव्यांगजन समाज का वह कमजोर हिस्सा है जिसके लिए शासन-प्रशासन परिवार एवं समाज की सहायता हमेशा आवश्यक रहती है। पिछले 2 वर्षों से जिले के विकलांग जनों की स्थिति  अत्यधिक दयनीय हो गई है। इनके शिक्षा शिक्षा के लिए कार्यरत संस्थाओं को शासन प्रशासन एवं विभाग की ओर से उचित मार्गदर्शन के अभाव में निःशक्त जनों तक पहुंचाने वाली सुविधाओं से वंचित हो गए हैं ऐसी स्थिति में उनके विकास की गति थम सी गई है। शिक्षण प्रशिक्षण के अभाव में दिव्यांग छात्रों की स्थिति चिंताजनक हो गई है।दिव्यांग छात्रों के बौद्धिक स्तर में विशेष स्कूलों में कुछ उन्नति हुई थी। वह वापस निम्न स्तर तक पहुंच गई है एवं पांच बच्चे शिक्षा से दूर चले गए हैं। विशेष विद्यालयों में विशेष प्रशिक्षित शिक्षक एवं प्रशिक्षित होते हैं जिनके मार्गदर्शन में दिव्यांग छात्र छात्राओं को शिक्षण प्रशिक्षण दिया जाता है। आज भविष्य को लेकर उनकी एवं हमारी जनता काफी बढ़ गई है बे बच्चे अच्छी स्थिति में पहुंच सकते थे। ऐसे तो हम सभी स्वयंसेवी संस्था एवं विश्व विकलांग दिवस पर उन दिव्यांग जनों की आवाज दर्द को सभी लोगों को बताना चाहते हैं। जिससे उनके जीवन को उत्तम बनाया जा सके। विभागीय उदासीनता के कारण इस महामारी के दौर में पिछले 2 वर्षों से दिव्यांग जनों का शिक्षण प्रशिक्षण कार्य रुक गया है। होशंगाबाद जिले में कार्यरत सभी अशासकीय संस्थाएं मध्यप्रदेश में अव्वल श्रेणी में आती रही हैं संस्थाओं को अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं संस्थाओं ने जिले को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों में अपनी अलग पहचान दिलाई है ऐसी संस्थाओं द्वारा बार-बार विभाग से मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु निवेदन किया गया कि संस्थाओं का संचालन जारी रखना है या नहीं रखना है परंतु इस महामारी के दौरान विभागीय उदासीनता एवं उचित मार्गदर्शन ना मिलने के कारण संस्थाओं की स्थिति भी दयनीय हो गई है। वे सभी संस्थाएं स्कूल शिक्षा विभाग से प्राप्त दिशा निर्देशों का पालन कर रही है परंतु हमारे सामाजिक न्याय विभाग द्वारा सभी अशासकीय संस्थाओं को बंद मानकर किसी भी प्रकार की सहायता या मार्गदर्शन प्रदान नहीं किया जा रहा। जिससे इस लंबे समय के कारण कार्यरत कर्मचारी मानदेय के अभाव में कार्य करने को सहमत नहीं है। हम शासन प्रशासन से यह मांग करते कि समाज का वह वर्क जिसकी आवाज बहुत कम है। उसकी आवाज में हम अपनी आवाज मिला कर उन विशेष बच्चों जिनको हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांगजन की विशिष्ट पहचान दी है के जीवन को बदलने हेतु जागृत हो, होशंगाबाद जिले में उन्हें अन्य जिलों की भांति पुनः सुविधाएं मिलना प्रारंभ हो। संस्थाओं में डॉक्टर एनी बेसेंट मानसिक निशक्त विद्यालय, संज्ञा शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति, भविष्य मानसिक निशक्त विद्यालय, संकल्प बधिर विशेष संस्था मुख्य हैं।