जिस प्रकार किसानों ने 3 कृषि कानूनों को वापस कराया है उसी प्रकार 10 केन्द्र श्रमिक संगठनो द्वारा 4 श्रम कानूनों को वापस कराये जाने 26 नवंबर को विरोध दिवस।
बैतूल/सारनी। कैलाश पाटील
गुरु नानक जयंती पर आज केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है जिससे ये पता चलता है कि किसानों के लंबे संघर्षों और एकता से सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा। इसी प्रकार इंग्लैंड और फ्रांस में मजदूरों ने वह की सरकार से लड़कर अपना हक अधिकारो की रक्षा करते हुए यह उदाहरण पेश किया की एकता के दम पर हम हमेशा सफल होंगे। 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनो और फेडरेशन एसोसिएशन के संयुक्त मंच द्वारा जन विरोधी और राष्ट्रीय विरोधी नीति व्यवस्था के खिलाफ 26 नवंबर 2021 को पूरे देश में व्यापक प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। उसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र की यूनियनों की संयुक्त बैठक दिसंबर 2021, जनवरी 2022 के दौरान राज्य स्तर पर संयुक्त बैठकों, आम सभा की बैठकों, हस्ताक्षर अभियानों और किसी भी अन्य रूपों के माध्यम से जमीनी स्तर तक नीतियों के खिलाफ गहन और व्यापक संयुक्त अभियान रैलियों, प्रदर्शनों, जत्थों दिन भर के धरना कई दिवसीय महापडाव (निरंतर धरना) आदि के माध्यम से राज्य / जिला क्षेत्र स्तर के आंदोलन जनवरी 2022 के मध्य तक हड़ताल की कार्रवाई के लिए लोगों को तैयार करने के लिए, 2022 में संसद के बजट सत्र के दौरान दो दिवसीय देशव्यापी आम हड़ताल। (तिथियां तय की जानी है) राष्ट्रीय सम्मेलन आम तौर पर मेहनतकश लोगों और आम जनता से आह्वान करता है कि लोगों को बचाने और राष्ट्र को बचाने के लिए चल रहे एकजुट संघर्ष को और बढ़ाने के लिए दो दिवसीय देशव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाया जाए।