जिले में आगामी 03 दिनों में आएगी 2 रैक डीएपी, 01 रैक यूरिया
पिछले 2 दिनों में जिले को प्राप्त हुई 2 रैक यूरिया
जिले में उर्वरकों की आपूर्ति लगातार जारी
होशंगाबाद। होशंगाबाद जिले में उर्वरकों की आपूर्ति शासन स्तर से निरंतर की जा रही है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष उर्वरकों का वितरण समानुपातिक रूप से ही हुआ है। यह जानकारी देते हुए उप संचालक कृषि श्री जे आर हेडाऊ ने बताया कि जहाँ गत वर्ष जिले में इस अवधि तक यूरिया 30,010 मीट्रिक टन एवं डी०ए०पी० 20388 मीट्रिक टन वितरण हुआ था, वहीं इस वर्ष रबी मौसम में अभी तक यूरिया 26433 मीट्रिक टन एवं डी०ए०पी० 17781मीट्रिक टन किसानों को वितरित हुआ है। वर्तमान में आज दिनांक को जिले में 5100 मीट्रिक टन यूरिया थोक एवं फुटकर विक्रेताओं के पास उपलब्ध है। इसी प्रकार डी.ए.पी. 3200 मीट्रिक टन थोक एवं फुटकर विक्रेताओं के पास उपलब्ध है । आगामी 03 दिवसों में जिले को डी.ए.पी की 01 रैक बनापुरा, एक रैक पिपरिया रेकपाइंट पर इस प्रकार कुल 02 रैको से 5300 मीट्रिक टन डीएपी जिले को उपलब्ध होगा विगत 2 दिवसों में रविवार 14 नवंबर को इटारसी रैक पाइंट पर एन. एफ. एल. यूरिया की हाफ रैक जिले को प्राप्त हुई एवं मंगलवार को आई.पी.एल कंपनी की फुल रैंक इटारसी रैक पाइंट पर प्राप्त हुई। इस प्रकार विगत 2 दिवसों में जिले को 4500 मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुआ है। आगामी 2 दिवस में पिपरिया रैक पाइंट पर आई.पी.एल कंपनी की एक फुल रैक जिले को प्राप्त होगी, जिससे 2650 मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त होगा। उर्वरकों का वितरण सुनियोजित तरीके से सहकारी समितियों के माध्यम से क्रेडिट पर सदस्य कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही 6 मार्कफेड के डबललॉक गोदाम, 04 एम.पी.एग्रो के विक्रय केन्द्र एवं 01 विपणन सहकारी समिति एवं निजी विक्रेताओं के माध्यम से नगद विक्रय का कार्य भी किया जा रहा है ।
जिले में वर्तमान में रबी बोनी का कार्य प्रारंभ हो चुका है, बोनी के प्रारंभ में मुख्य रूप से डी.ए. पी. उर्वरक की आवश्यकता होती है एवं यूरिया की आवश्यकता बोनी के 15 दिन बाद होगी। रबी मौसम में मुख्य फसल के रूप में गेहूँ फसल किसानों द्वारा ली जाती है। इस वर्ष चने की फसल के रकबे में गत वर्ष की तुलना में वृद्धि संभावित है। चना फसल हेतु गेहूँ से तुलनात्मक रूप से उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है, इसके उपरांत भी जिले में इस वर्ष गत वर्ष के समान ही उर्वरकों की आपूर्ति हो रही है।
उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले के सिवनीमालवा विकासखंड में जहाँ रबी बोवनी प्रारंभ हो चुकी है, यहाँ के डबललाक केन्द्र को विगत वर्ष रबी मौसम में डी०ए०पी० 3324 मीट्रिक टन प्रदाय हुआ था जबकि इस वर्ष इसी तिथि तक 4216 मीट्रिक टन डी.ए.पी. उर्वरक उपलब्ध हुआ है। शासन के निर्देशानुसार सर्वप्रथम उर्वरकों का प्रदाय डबललाक केन्द्र से सहकारी समितियों को किया जाना है जिससे कि सहकारी समिति के नियमित सदस्य किसानों को उर्वरकों की उपलब्धता सुगमता से हो सके। सहकारी समितियों को आपूर्ति के उपरांत डबल लाक केन्द्र से भी उर्वरकों का नगद विक्रय किया जाता है, परंतु किसान एक साथ एकत्रित होकर डबललॉक केन्द्र से उर्वरकों के नगद विक्रय की माँग करते हैं जिसके कारण किसानों की एक जगह भीड़ दिखाई देती है। साथ ही शासन के निर्देशानुसार उर्वरकों का वितरण पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से एवं किसान के पास उपलब्ध भूमि के आधार पर किया जाना होता है।
किसी क्षेत्र में डी.ए.पी. की कमी होने की स्थिति में किसानों को समझाइश दी जाकर विकल्प के रूप में एन०पी०के० उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले को अभी तक 6941मीट्रिक टन एन०पी०के० प्राप्त हुआ है , जिसमें से 4049 मीट्रिक टन किसानों को वितरण हुआ है, जबकि गत वर्ष मात्र 332 मीट्रिक टन एन०पी०के० का वितरण हुआ था। डी०ए०पी०के विकल्प के रूप में एन.पी.के. उर्वरक उपयोग करने की सलाह किसानों को दिये जाने के कारण वे आशंकित होते हैं कि उनको डी.ए.पी. उर्वरक नहीं मिलेगा जबकि ऐसी कोई भी स्थिति जिले में निर्मित नहीं है।
जिले के 6 डबल लॉक केन्द्रों, एमपीएग्रो के 4 केन्द्रों एवं मार्केटिंग समिति के 2 केन्द्रों के अतिरिक्त निजी क्षेत्र के लगभग 75 से 80 केन्द्रों से किसानों को उर्वरक नगद विक्रय हो रहा है तथा 98 सहकारी समितियों से समिति के सदस्यों को ऋण पर उर्वरक प्रदाय हो रहा है। शासन स्तर से जिले को उर्वरकों की आपूर्ति निरंतर हो रही है तथा किसानों को वितरण की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जा रही है।