होश्ंागाबाद:- होशंगाबाद जिला चिकित्सालय में जहाॅ कोरोना काल में लोग अपने परिजनो को खो चुके है वही परिजनो को हाॅस्पिटल में मृत्यु प्रमाण पत्रो के लिए काफी परेशान किया जाता है वहाॅ पदस्थ अमानवीय चेहरा सामने आया है। जो इस भीषण दुख भरी घडी में लोगो के लिए परेशान होना पड रहा है। पदस्थ कर्मचारी लोगो के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र एक दिन में मिल पान संभव नही हो पा रहा है लोगो के लिए बहुत सारी कागजी कार्यवाही फारमिलटी करनी होती है। उसके बाद उसे कोरोनो काल मेें अपना का दुख और संक्रमण से बचते हुये हाॅस्पिटल के बाबू और सहाब के चक्कर लगा लगा कर परेशान और हताश हो जाते है। मगर क्या मचाल कि परिजनो का दर्द विभाग समझ समकता और मृत्यु प्रमाण पत्र मिल जाता जिससे उसे बैंक बीमा पाॅलिसी और अन्य कार्यो को करवाने के लिए मार्ग खुल सके। दुखी परिवार मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए इधर उधर से जुगाड और चंद पैसो तक देने की बात कर देता हैं आखिर उसे क्यो बैवजह परेशान किया जाता है। शीघ्र मृत्यु प्रमाण पत्र जारी क्यो नही किये जाते है ? ऐसे अनेको सवाल है ? क्या चंद रूपये के पीछे मानवता खत्म हो जायेगी ? आखिर तुरंत शव ले जाने के साथ डेथ सर्टिफिकेट क्यो नही दिया जाता है? सरकारी हाॅस्पिटल व अन्य हाॅस्पिटल प्रबंधन को इस बात का ध्यान देना चाहिए कि परिजनो को सुलभता से प्रमाण पत्र मिल सके ?
मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए परिजनों को अस्पताल में लगाने पड रहे है चक्कर या फिर जुगाड