हे श्रमवीरों योद्धा की तरह डंटे हैं काम पर इसलिए हम सब रहें सुरक्षित
हे श्रमवीरों योद्धा की तरह डंटे हैं काम पर इसलिए हम सब रहें सुरक्षित 

होशंगाबाद - ( योगेश सिंह राजपूत ):- कोरोना संक्रमण की दूसरी खतरनाक लहर के बीच हम घरांे में कैद हो कर बैठे हैं। हम सबको परिवार के साथ सुविधाओं में कोई किसी तरह की कमी ना रह जाए। हमें बाहर निकलने की जोखिम उठाना ना पड़ें। ताकि हम परिजनो के साथ अपने घरो में सुरक्षित रहे हैं इसलिए श्रमवीर योद्धाआंे की तरह कर्म क्षेत्र पर डंटे हुए हैं। केंद्र व राज्य शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन हो या फिर हमारी जस्र्रत की छोटी से लेकर बड़ी सामान की आपूर्ति। सब-कुछ वेैसा ही चल रहा जैसा सामान्य दिनों में होता है। यह जोखिम और कोई नहीं हमारे श्रमवीर उठा रहे हैं।
खुद जोखिम उठाकर हमें सुरक्षित रखने का संकल्प जो ले लिया है। हे श्रमवीरों तुझे सलाम। कोरोना योद्धा की तरह काम करने वाले इन श्रमवीरों की जोखिम भरे कार्य का जिक्र करना जस्र्री है। कोरोना की पहली लहर हो या फिर दूसरी जानलेवा लहर। ये अपना काम निर्बाध गति से करते आ रहे हैं। सड़कों पर काम करने वाले श्रमवीर हों या फिर मोहल्लों की सफाई करने वाले सफाई कामगार,एक फोन पर रसोई गैस सिलिंडर पहुंचाने वाले एजेंसी कर्मी। संक्रमण के मौजूदा दौर ये योद्धा की तरह काम कर रहे हैं। अपनी ड्यूटी के साथ ही लोगों के राहत पहुंचा रहे हैं। श्रमिक दिवस के इस अवसर पर देशव्यापी आपदा में रोजमर्रा के सामान घर तक पहुंचाने वालों को याद करने का दिन है। इसका जिक्र करना जस्र्री है।
एक फोन पर पहुंचता है सिलिंडर
एलपीजी निर्माता कंपनियों ने देशभर के एजेंसी संचालकांे को ईमेल के जरिए पत्र लिखकर संक्रमण के मौजूदा दौर में एक फोन पर उपभोक्ताओं को रसोई गैस सिलिंडर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इस पर प्रभावी ढंग से अमल भी हो रहा है। बुकिंग के बजाय उपभोक्ता अपने एजेंसी संचालक को सिलिंडर के लिए फोन कर रहे हैं। कुछ ही घंटों में एजेंसी का कर्मी घर पहुंच जा रहा है। खाली सिलिंडर लेकर रिफिलिंग सिलिंडर पहुंचा कर चले जाते हैं। सुनी सड़कों पर डिलीवरी वैन में सिलिंडर लेकर एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले जा रहे हैं। घर पहुंचकर बेल बजा रहे हैं और सिलिंडर देकर चले जा रहे हैं। जोखिम इसलिए उठा रहे हैं ताकि हम स्वजनों के साथ सुरक्षित रहें और सिलिंडर की कमी के चलते रसोई सुना ना रहे।

ताजी और हरी सब्जियां की उपलब्धता

घर के सामने ही मोहल्ले में प्रतिदिन हरी और ताजी सब्जियों की उपलब्धता हो रही है। सुबह के वक्त ठेले में सब्जी बेचने वाले फेरी लगाते पहुंच जाते हैं। घर के सामने ही हरी सब्जियां मिल जा रही है। सब्जी के अभाव में रसोई सुनी नहीं है। हरी सब्जियों से रसोई सजी हुई है। संक्रमण के मौजूदा दौर में लोगों को प्रतिदिन ताजी सब्जियां मिल जा रही है। संक्रमित जो घर पर आइसोलेट होकर इलाज करा रहे हैं उनके लिए राहत वाली बात है कि घर के सामने सब्जी व फल की उपलब्धता है।
संक्रमण के मौजूदा दौर में केंद्र व राज्य प्रवर्तित योजनाओं की रफ्तार भी नहीं थमी नहीं है। श्रमवीर अपने हिस्से के काम को प्रतिदिन अंजाम दे रहे हैं।