Helpless हो गया सरकार का Helpline System
Helpless हो गया सरकार का Helpline System

 
न अधिकारी फोन उठा रहे न हेल्पलाइन नंबर उठ रहा
भोपाल। प्रदेश में कोरोना (Corona) से निपटने के लिए सरकार (Government) ने हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) 104 और 1075 जारी किया है। साथ ही ऑक्सीजन (Oxygen) एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) की उपलब्धता के लिए जिलों में कलेक्टर (Collator) से लेकर वन आरक्षकों की ड्यूटी (Duty) लगाई है। लेकिन जनता को न तो हेल्पलाइन (Helpline) पर मदद मिल रही है और न ही अधिकारी फोन उठा रहे हैं। राजधानी भोपाल (Bhopal) में रेमडेसिविर इंजेक्टशन (Remedicivir Injection) और ऑक्सीजन (Oxygen) आपूर्ति के लिए जिन आला अफसरों के नंबर जारी किए हैं, वे किसी के भी फोन नहीं उठा रहे हैं। सरकार (Government) की तरह अफसरों ने भी लोगों को खुद के भरोसे छोड़ दिया है। कोरोना नियंत्रण (Corona control) के लिए सरकार (Government) द्वारा तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन कोरेाना (Corona) संक्रमितों को पर्यापत इलाज नहीं मिलने से सरकारी इंतजाम सवालों के घेरे में हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (Prabhuram Choudhary) से जब इस संबंध में सवाल पूछा गया कि यदि किसी मरीज को बेड (Bed) चाहिए तो वो कहां फोन करे, क्योंकि सरकार (Government) के आदेश के बावजूद अस्पताल बेड (Hospital bed) की जानकारी नहीं बता रहे हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) 1075 पर भी पूछ सकते हैं। जब मंत्री के सामने हेल्पलाइन नंबर डायल (Helpline Number Dail) कर दिया, लेकिन फोन नहीं लगा। कॉलर ट्यून (Caller Tune) में सिर्फ गाना बजता रहा। बाद में मंत्री ने कहा- मैं दिखाता हूं, कहां गड़बड़ है। मंत्री रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) और ऑक्सीजन (Oxygen) की भ्ीा पर्याप्त उपलब्धता का दावा करते रहे। जबकि दोनों की ही कमी है। ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी के चलते प्रदेश में कई कोरेाना (Corona) संक्रमितों की मौत हो
चुकी है।

महीनेभर बाद मीडिया के सामने आए
स्वास्थ्य मंत्री पिछले कई दिनों से यहीं प्रचार में जुटे थे। दो दिन पहले बिना सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखे उनका चुनाव प्रचार करते हुए एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वे एक महीने बाद सामने आए हैं। जबकि इस दौरान प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला है। जब उनसे पूछा गया कि मरीजों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो रही है, ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है तो उन्होंने कहा- पर्याप्त ऑक्सीजन है। 272 मीट्रिक टन कल तक थी। कोई चूक नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि, प्रदेश में पर्याप्त रेमडेसिविर मौजूद हैं।

मंत्रियों को कहना पड़ रहा विरोध का सामना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को कोरोना नियंत्रण के लिए जिलों के प्रभार सौंपे हैं। ज्यादातर मंत्री अभी जिलों में नहीं गए हैं। जो प्रभार वाले जिलों में गए हैं, उनमें से ज्यादातर ने अफसरों के साथ बैठकें की हैं। इनमें से जो मंत्री अस्पतालों में स्थिति का जायजा लेने गए हैं। उन्हें लेागों के विरोध का सामना करना पड़ा है। दो दिन पहले रतलाम में मंत्री जगदीश देवड़ा को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। बुधवार को खंडवा में कोविड सेंटर पहुंचे मंत्री विजय शाह को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान मंत्री ने मीडिया से भी चर्चा की। लोगों की मौतों के आंकड़े के सवाल पर वे उलझ गए। उन्होंने कहा कि मौतों रोकने के लिए सरकार के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है। मौत के आंकड़े गिनने के लिए नहीं आए हैं। इधर महीने भर बाद जनता के बीच पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री प्रभूराम चौधरी को सबसे ज्यादा विरोध का सामना करना पड़ा।