कोरोना के बहाने खाईवाल व सटोरियों आइपीएल क्रिकेट मैच शुरू होते ही जिले व शहर में सटोरिए व खाईवाल सक्रिय हो गए हैं। आलम यह है कि रोज मैच में लाखों रूपये का दांव लग रहा है। वहीं कोरोना के बहाने पुलिस भी सटोरियों को पकड़े उदासीन हो गई है। कोरोना की आड़ में खाईवाल व सटोरियों को एक तरह से छूट मिल गया है। वैसे तो सट्टे का अवैध कारोबार हर समय चलता है। जिले के साथ ही हर थानों में अलग.अलग सटोरिए व खाईवाल सक्रिय हैं जिन्हें थानेदारों का वरदहस्तहै।
यही वजह है कि उनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं होती। उनके पट्टी लिखने वालों को पकड़कर कार्रवाई की औपचारिकता पूरी कर लेती है। इन सबके बीच आइपीएल क्रिकेट मैच सटोरियों का त्योहार माना जाता है। मैच शुरू होने के पहले ही सटोरियों व खाईवालों की सेटिंग भी हो चुकी है। क्रिकेट मैच शुरू होने के साथ ही सटोरियों की बहार आ गई है और रोज बड़े.बड़े दांव खिलाए जा रहे हैं। जिले के तकरीबन भी थाना क्षेत्र में क्रिकेट का सट्टा हाइटेक रूप से चल रहा है। प्रत्येक मैच और गेंदबाजी व बल्लेबाजी पर सटोरिए बुकिंग ले रहे हें। फिर भी अब तक एक भी सटोरिया व खाईवाल पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। ऐसे में कोरोना के बहाने पुलिस की तरफ से छूट मिलने की बात कही जा रही है।
नहीं पकड़ने का बहाना
पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बार लाकडाउन के चलते सट्टेबाजी घर व फार्म हाउस से संचालित हो रहा है। पुलिस अफसरों के पास खाइवाल व सटोरियों की पूरी कुंडली है। लेकिनए लाकडाउन में पुलिस को ला एंड आर्डर व दूसरे काम का बहाना मिल गया है। वहींए कोरोना के कारण भी पुलिस छापेमारी नहीं कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस के लिए कोरोना तो एक बहाना है। पुलिस चाहेए तो सटोरियों की आसानी से धरपकड़ कर कार्रवाई भी हो सकती है। शहर से सटोरियों को पकड़कर लाई थी पुलिस बीते साल आइपीएल मैच के दौरान शहर के बड़े खाइवाल व सटोरियों ने अपना ठिकाना बदल लिया था। पुलिस की साइबर सेल भी उनके पीछे पड़ी थी। लिहाजा लोकेशन मिलने पर पुलिस ने दबिश देकर खाईवाल व सटोरियों को पकड़ा गया था। लेकिन इस बार सभी नामी सटोरिए शहर में ही बैठकर सट्टा खिला रहे हैं। फिर भी पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए तरफ ध्यान नहीं दे रही है।