किसान आंदोलन आज अपनी चरम सीमा पर : रतनमान
किसान आंदोलन आज अपनी चरम सीमा पर : रतनमान
करनाल14फरवरी( संजय भाटिया)  भारतीय किसान यूनियन व संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर करनाल के इंद्री कस्बा की अनाज मंडी में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि किसान आंदोलन आज अपनी चरम सीमा पर है। इसलिए आंदोलन में संयम व धैर्य के साथ मर्यादा का पालन करने की युवाओं की और ज्यादा जिम्मेदारियां बढ़ गई है। अगर किसी भी स्तर पर आंदोलन में किसी के द्वारा खुराफाती की जाती है तो संभवत किसान आंदोलन का नुकसान हो सकता है। किसान नेता रतन मान ने युवाओं को खास तौर पर सचेत करते हुए कहा कि किसान आंदोलन में कहीं जगह पर किसान आंदोलन की मर्यादाओं के हरण करने के समाचार मिल रहे हैं, यानी के अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। नेताओं के चरित्र पर व परिवार के उपर अभद्र भाषा का प्रयोग करना सही नहीं है। मैं अपील करता हूं कि अगर किसान आंदोलन के दौरान मर्यादा को बनाए गए रखा गया तो निश्चित तौर पर किसानों की जीत होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार को 3 कृषि कानूनों को खत्म करके एमएसपी पर खरीद गारंटी का कानून बनाना चाहिए। अगर देश के प्रधानमंत्री किसानों को अपने गले लगा कर यह घोषणा करते हैं तो यह एक पूरे राष्ट्र की जीत होगी। मान ने कहा कि किसान आंदोलन का मकसद किसी प्रकार की राजनीतिक बदलाव या अन्य किसी प्रकार की मनसा नहीं है। इसलिए  बातचीत के जरिए इस आंदोलन का समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा चौधरी स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत के किसान आंदोलन के युग में एक मर्यादा के बीच किसान आंदोलन चलाया करते थे । आज भी हमें उनके आदर्शों और उनके बताए गए पथ पर चलने की खास अवश्य आवश्यकता है।
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इंद्री में आयोजित किसान महा पंचायत के मुख्य मंच के पास आयोजकों द्वारा पत्रकारों के साथ की गई धक्कामुक्की एवं कहासुनी पर भाकियु के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने खेद प्रकट किया है । उन्होंने मीडियाकार्मियों से क्षमा याचना की। उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ होता है । मीडिया का सम्मान हम सबका दायित्व है । मीडिया कर्मियों के साथ इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले किसान नहीं हो सकते । उन्होंने इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की घटना किसी भी सूरत में सहन नहीं होगी ।