भगवान की हुई जीत

भगवान की हुई जीत


1. पन्ना के अवधविहारी जू मंदिर मामले पर जिला अपर न्यायालय का फैसला...।


2. स्टैट समय का बना अवध विहारी मंदिर अब हुआ शासन संधारित मंदिर।


3. मंदिर के पूर्व पुजारी द्वारा मंदिर सहित करोड़ो की प्राॅपर्टी हड़पने के लिए रचा गया था कूटचरित्र सडयंत्र।


4. लंबी न्याय की लड़ाई के बाद भगवान को मिला न्याय।


एंकर:- पन्ना जिला मंदिरों की नगरी की नाम से विश्व विख्यात है इस पवित्र नगरी में बड़े ही ऐतिहासिक प्राचीन स्टेट समय के मंदिर है लेकिन शहर के कुछ मंदिरों में पूर्व पुजारियों सहित दबंगों ने अपना कब्जा जमा लिया था जिसमे से एक पन्ना शहर के बीचो बीच स्थित अवधविहारी विहारी जू के मंदिर और मंदिर की करोड़ो की प्राॅपर्टी पर मंदिर के पूर्व पूजारी के परिजनों की बुरी नियत पड़ गई और फर्जी दस्तावेज बनाकर कूटरचित नीति से मंदिर व मंदिर की जमीन को हड़प लिया गया था जिसके बाद शहर के कुछ समाजसेवियों ने मंदिर को बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और आखिरकार भगवान अवधविहारी जू को न्याय मिल ही गया और जिला अपर न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए इस मंदिर को शासन संधारित मंदिर कर दिया है। अब पन्ना शहरवासियों में काफी खुशी का माहौल है और लोग मान रहे हैं कि जैसे अयोध्या में भगवान राम जी को लंबे समय के बाद न्याय मिल था ठीक उसी पन्ना के भगवान अवधविहारी जू को न्याय मिला है। बताया जाता है कि यह ऐतिहासिक मंदिर 130 वर्ष पुराना है मंदिर में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और माता जानकी जी की सुंदर और भव्य प्रतिमाएं विराजमान हैं राजा महाराजाओं के समय से इस मंदिर में विधिवत पुजारी नियुक्त किए जाते थे जो समय-समय पर भगवान की पूजा अर्चना आरती और धार्मिक आयोजन को किया करते थे परंतु विडंबना यह कि जब बारी ही खेत को खाने लगे तो खेत का क्या हाल होगा ऐसा ही मामला पन्ना के अवध बिहारी जू मंदिर में देखने को मिला था इस मंदिर में नियुक्त पुजारी के परिजनों ने भगवान सहित पूरा का पूरा मंदिर ही हड़प लिया....अधिकारियों और कर्मचारियों को घूसखोरी और रिश्वत देकर के मंदिर सहित पूरी संम्पति को अपने नाम पर नामन्तरण करवा लिया था यहां तक की  भगवान की दर्शन भी  श्रद्धालुओं को दुर्लभ हो गए थे....


बीओ:- 1 बतादें कि मंदिर की अंतिम स्वामित्व की अपील पन्ना के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में षड्यंत्र कारियो द्वारा पेश की गई अपर जिला न्यायाधीश ने यह पाया की मंदिर में तत्कालीन पुजारी के परिजनों द्वारा पेश किए गए सभी दस्तावेज कूट रचित और षडयंत्र पूर्वक हासिल किए गए थे अतः इस अपील को खारिज करते हुए माननीय न्यायाधीश ने फैसला यथावत रखा तथा मंदिर और मंदिर से जुड़ी पूरी करोड़ो की संपत्ति को भगवान श्री अवध बिहारी जी की माना गया। न्यायालय का फैसला आते ही पूरे नगर में खुशी का माहौल हो गया मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा पन्ना में इस बात की चर्चा रही की जीत सत्य की ही होती है चाहे विलंब कितना ही हो जाए और जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम जी को लंबे समय के बाद न्याय मिला था ठीक उसी प्रकार पन्ना के भगवान अवधविहारी जू को न्याय मिल गया है।


न्ना से ब्यूरो चीफ वेद प्रकाश तिवारी की रिपोर्ट