शहरी परियोजना मैं समूह के द्वारा घटिया किस्म का  सत्तू बांट रहा है

होशंगाबाद- शहरी परियोजना मैं समूह के द्वारा घटिया किस्म का  सत्तू बांट रहा है, एकीकृत बाल विकास सेवा शहरी के द्वारा आगनबाडी  के बच्चों महिलाओं को लॉकडाउन के चलते विश्व की महामारी कोविड-19 के दौरान जब सभी लोग घर में रह रहे थे कब शासन के द्वारा समूह के द्वारा घटिया किस्म का सत्तू बनाकर बच्चों को परोसा जा रहा है इसे किसी भी शासन के जिम्मेदार विभागीय अधिकारी ने देखा कि नही  और खाया कि नहीं इस बात की पुष्टि शहरी परियोजना अधिकारी ने  जांच परीक्षण भी नहीं किया गया है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सत्तू घर घर बाँटा जा रहा है कई हितग्राही इसे लेने से इंकार भी करते हैं बच्चे चार-पांच महीने से सत्तू खा रहे हैं उन्हें मीनू के अनुसार अन्य पदार्थ खाद्य सामग्री या पौष्टिक आहार नहीं दिया जा रहा है हितग्राहियों से चर्चा करने पर कहा गया है कि सत्तू की जगह अन्य कोई पौष्टिक आहार देना चाहिए जिससे बच्चों को कुपोषण मुक्त किया जाए और गर्भवती धात्री महिलाएं भी पोस्टिक आहार मिलने से उनके बच्चे  का शारीरिक विकास हो सके महीनों तक एक ही आहार देना हितग्राहियों को खाने के लिए ऊब रहे हैं समूह के द्वारा सत्तू के पैकेट देकर इतिश्री कर ले लेते हैं और शासन को उपस्थिति के हिसाब से बिल बनाकर दे देते हैं पौष्टिक आहार और पोषण आहार की जांच परख के लिए जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे आंगनवाड़ी के हितग्राही लाभ लेने से वंचित रह रहे हैं इन सब का जिम्मेदार कौन होगा जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है शासन प्रशासन इस विषय पर ध्यान आकर्षित नहीं कर रहा है जिससे बच्चों का विकास होने से रोकता है। प्रदीप गुप्ता की रिपोर्ट