बाहर से आने वाले व्यक्तियों की पहचान, क्वारेंटाइन एवं सेम्पल लिए जाने पर रहेगा विशेष ध्यान
बाहर से आने वाले व्यक्तियों की पहचान, क्वारेंटाइन एवं सेम्पल लिए जाने पर रहेगा विशेष ध्यान
निजी चिकित्सालयों में आने वाले खांसी-जुकाम, बुखार के मरीजों की जानकारी सार्थक लाइट एप पर संधारित करने के निर्देश
बैतूल | 18-जुलाई


 

    कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री राकेश सिंह ने जिले में बाहर से खासतौर पर पड़ोसी महाराष्ट्र राज्य से आने वाले व्यक्तियों पर विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जाए। साथ ही उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया जाए तथा उनके सेम्पल लेकर कोरोना संक्रमण की जांच की जाए। उन्होंने जिले के निजी चिकित्सालयों एवं मेडीकल स्टोर संचालकों को भी निर्देशित किया है कि वे सार्थक लाइट एप डाउनलोड करें एवं उनके यहां आने वाले खांसी-जुकाम, बुखार के मरीजों अथवा इस बीमारी से संबंधित दवाइयां लेने वालों की जानकारी एप में दर्ज करें।
शनिवार को निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों एवं मेडीकल स्टोर संचालकों की बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि उनके यहां खांसी-जुकाम, बुखार अथवा कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने वाले मरीजों पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही सार्थक लाइट एप डाउनलोड कर उसमें ऐसे मरीजों के संबंध में जानकारी दर्ज की जाए। मेडीकल स्टोर्स संचालक भी यह एप डाउनलोड कर खांसी-जुकाम, बुखार बीमारियों की दवा लेने आने वालों की जानकारी दर्ज करें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पड़ोसी महाराष्ट्र राज्य से आने वाले व्यक्तियों की मेडीकल जांच आवश्यक रूप से की जाए। ऐसे व्यक्तियों के आने की सूचना भी स्वास्थ्य विभाग को दी जाना अति आवश्यक है। यह भी जरूरी है कि इन व्यक्तियों को 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र राज्य में नागपुर जैसे स्थानों पर इलाज कराने जाने वाले व्यक्तियों एवं उनके सहयोगियों को वापस आने पर 14 दिन क्वारेंटाइन होना आवश्यक है। कलेक्टर ने निजी चिकित्सकों एवं मेडीकल स्टोर संचालकों से यह भी कहा है कि वे उनके यहां आने वाले मरीजों अथवा व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से मास्क लगाने के लिए प्रेरित करें। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए भी सजग करें। इसके अलावा कोरोना से बचाव के उपायों की जानकारी देने वाले आवश्यक फ्लेक्स, पोस्टर इत्यादि भी अपने संस्थानों के समक्ष लगाएं।