*गृह रक्षा दल का मूल मंत्र देश की सेवाः व्यास*
परेऊ बाड़मेर से वागा राम बोस की रिपोर्ट
बाड़मेर, 06 दिसंबर। स्वाभिमान के साथ अपने कर्तव्यों को निभाते हुए एक-दूसरे की मदद एवं देश की सेवा करना गृह रक्षा दल का मूल मंत्र है। गुह रक्षा दल की 57वीं वर्षगाठ पर आयोजित समारोह के दौरान समादेष्टा रवि व्यास ने यह बात कही। इस दौरान समादेष्टा व्यास ने कलेक्ट्रेट स्थित गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र में प्रातः 8ः30 बजे ध्वजारोहण कर सलामी दी।
स्थापना दिवस समारोह के दौरान समादेष्टा रवि व्यास ने कहा कि संगठन के कर्मचारी और सदस्यों को वर्तमान परिपेक्ष्य में अपने कर्तव्य के प्रति सतर्क एवं सजग रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र एवं समाज के लिए जान की कुरबानी करनी पड़े तो उन्हें सहर्ष प्राणों को न्यौछावर करने में भी पीछे नहीं रहना चाहिए। जो देशभक्त सिपाही कर्तव्यों के प्रति सतर्क एवं सजग रहते है वे अपना स्वाभिमान कभी नहीं खो सकते है। जिनका गौरव ही मृत्यु है जिनका धर्म ही वीरगति है जिनका गुण ही देश की रक्षा को तत्पर रहना है। इस दौरान मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह रक्षा राजस्थान जयपुर के संदेश का पठन किया गया। सेवानिवृत उप समादेष्टा एम.एस. गहलोत ने कहा कि शहरी एवं सीमा गृह रक्षकों की अन्य प्रदेशों में चुनाव ड्यूटी या अन्य कानून व्यवस्था ड्यूटी की तैनाती जब कभी भी की गई है। दोनों विगोें ने शान्तिपूर्व तरीके से अपने कर्तव्य को निभाया है। वहां की प्रदेश सरकारों ने प्रशंसा की । इन संगठन का व्यापक अनुशासन साख बढी है जिनका श्रेय अधिकारियों कुशल अनुदेशको को जाता है। कानून व्यवस्था आंतरिक सुरक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा में सदैव बेहतर योगदान दिया है। हाल ही में निकाय चुनाव में प्रशासनिक एवं अहम भूमिका निभाई है। इसी तरह सीमा गृह गण मुख्यालय प्रांगण में स्टॉफ ऑफिसर किशनसिंह सोढ़ा के नेतृत्व में ध्वजारोहण किया गया और सलामी दी गई। कम्पनी कमाण्डर कमलसिंह सोढ़ा ने सेवानिवृत उप समादेष्टा एम.एस. गहलोत एवं सेवानिवृत हिम्मतपुरी का स्वागत किया। स्थापना दिवस के उपलक्ष्य मंे 6 दिवसीय कार्यक्रम में आयोजित किए गए। जिसमें पौधारोपण व साफ सफाई इत्यादि शामिल रहे। स्थापना दिवस समारोह मंे प्लाटून कमाण्डर दूदाराम, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी नेमीचंद, कनिष्ठ सहायक रवि मंसुरिया, मुख्य आरक्षी चुन्नीलाल, दीपसिंह, ऑनरेरी पी.सी. जयप्रकाश, अशोकसिंह, गोपालसिंह, लालाराम मूण्ढ़, जूंजारसिंह के अलावा कई गणमान्य नागरिक एवं स्वयं सेवक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ऑनरेरी प्लाटून कमाण्डर संग्रामसिंह शिवकर ने किया।